आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलेगी ट्रेनिंग। इस नए ऐप से बच्चो को सिखाएंगी भाषा

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए सरकार ने एक नया ऐप जारी कर दिया है। इस ऐप के बारे में अब आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलेगी ट्रेनिंग। इस ऐप का नाम गूगल रीड अलांग  है।

क्या है गूगल रीड अलांग ऐप

गूगल रीड अलांग एक आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को भाषा ज्ञान देने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया एक ऐप है। इस ऐप की मदद से आंगनबाड़ी केदो में आने वाले बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं भाषा का ज्ञान कराएंगी।

गूगल रीड अलांग अप में अनेक भाषाएं उपलब्ध हैं जिस क्षेत्र कीजो बच्चों को भाषा सिखाने एवं बुनियादी ज्ञान हेतु प्रयोग किया जाएगा, जिससे बच्चों के बीच रोक्कता बढ़ेगा, और बच्चे मनोरंजन के साथ साथ पढ़ाई भी करेंगे। इस कार्यशाला में गोदभराई एवं आनप्राशन के विषय में सुहैल अहमद एवं प्रोग्राम लीडर अमलेश कुमार के द्वारा प्रसव पूर्व तैयारी को जोर देते हुए, गृह भ्रमण, उचित एवं संतुलित आहार, टीकाकरण, साफ-सफाई के बारे में विशेष जानकारी दी।सुविधा के अनुसार और उसकी भाषा के अनुसार सेलेक्ट किया जा सकता है।

कविताएँ और कहानियों से सीखेंगे आंगनवाड़ी के बच्चे

इस ऐप में बच्चों को सीखने के लिए कहानी हैं कविताएं होगी और इसके साथ-साथ खेल-खेल के माध्यम से भी बच्चों को सीखने के लिए तमाम चीजें उपलब्ध हैं।इस ऐप को डिजाइन करते समय आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों की समझ और रुचि को ध्यान में रखा गया है जो बच्चों को भाषा सिखाने एवं बुनियादी ज्ञान हेतु प्रयोग किया जाएगा

अलोंग एप से आंगनबाड़ी के बच्चे सीखेंगे भाषा

भगवानपुर के स्थानीय प्रखंड के मनरेगा भवन में आकांक्षी प्रखण्ड कार्यक्रम के अंतर्गत बाल विकास परियोजना विभाग एवं पिरामल फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में एक प्रखंड स्तरीय उन्मुखीकरण की बैठक हुई। इस बैठक में प्रखंड की सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का गूगल रीड अलोंग ऐप के बारे मे जानकारी दी गई।

आंगनवाड़ी बहनों को नये ऐप के बारे में दी गई जानकारी

बैठक में ऐप के बारे में जानकारी देने के साथ ही अप्राशन एवं गोदभराई कार्यक्रम के ऊपर क्षमतावर्धन कार्यशाला हुई। इस कार्यक्रम के अंतर्गत विभाग की  सेवाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रदान करनेके लिए सभी प्रतिभागियों को प्रेरित किया गया। वहीं गूगल रीड एप के बारे में विशेष जानकारी देते हुए पीरामल फाउंडेशन के प्रोग्राम लीडर राकेश ने विशेष जानकारी देते हुए बताया कि पठन-पाठन को बेहतर करने के लिए तकनीकी का प्रयोग कैसे किया जाएगा। मोबाइल के माध्यम से आंगनबाड़ी में नामांकित बच्चों के भाषा सीखने हेतु गूगल रीड अलोंग एप का प्रयोग किया जाएगा।इसके साथ ही व्यवहार में बदलाव के लिए भी प्रेरित किया गया।

इस अवसर पर बाल विकास परियोजना से महिला सुपरवाइजर अरुणिमा शर्मा एवं माधुरी कुंवर, ब्लॉक कॉर्डिनेटर अविनाश कुमार के साथ-साथ पीरामल फाउंडेशन के तरफ से डिस्ट्रिक्ट लीड सुहैल अहमद, प्रोग्राम लीडर राकेश राय एव अमलेश कुमार, गांधी फेलो अविनाश त्रिपाठी व तमाम आंगनवाड़ी सेविका मौजूद रही ।

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आंगनवाड़ी की ट्रेनिंग (आंगनवाड़ी प्रशिक्षण कार्यक्रम)

शुरुआती दौर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 3 महीने का प्रशिक्षण पाठ्यक्रम दिया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निम्नलिखित बातों पर ट्रेनिंग दी जाती है –

  • आंगनबाड़ी भूमिका और उनकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां
  • लाभार्थियों के लिए विभिन्न योजनाएं
  • साला पूर्व शिक्षा
  • बच्चों के लिए कहानी अनुश्रवण
  • बच्चों के लिए गाने और कविताएं
  • संतुलन आहार खाद्य तथा पोषण की जानकारी
  • किशोरियों,गर्भवतीऔर धात्री माताओ के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता
  • संचारी रोग तथा उनके उन्मूलन प्रोग्राम
  • आईसीडीएस तथा स्वास्थ्य विभाग का समन्वय
  • गर्भवती प्रसव पूर्व देखभाल
  • बच्चों के लिए टीकाकरण
  • बच्चों के लिए विकास चार्ट अध्ययन
  • बच्चों का मानसिक विकास

उपर्युक्त दिए गए इन सभी बिंदुओं पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को तीन माह की ट्रेनिंग दी जाती है। तीन माह की ट्रेनिंग सफलतापूर्वक संपन्न हो जाने के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को उनके गृह जनपद में पोस्टिंग दे दी जाती है।

आंगनवाड़ी की ट्रेनिंग कितने दिन की होती है –

वैसे तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की जो मुख्य ट्रेनिंग का भाग है उसमें 3 महीने का प्रशिक्षण दिया जाता है लेकिन इसके बाद भी विभिन्न कार्यक्रमों के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अलग-अलग प्रशिक्षण दिया जाता है और इन अलग-अलग प्रशिक्षणों की जो अवधि है वह भी अलग-अलग है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से जुड़े कुछ प्रशिक्षणों की काल अवधि नीचे दी गई है –

  • परिचयात्मक कार्यक्रम :  6 दिन
  • आंगनवाड़ी रिफ्रेशर कार्यक्रम : 6 दिन
  • खाद्य एवम पोषण प्रशिक्षण : 2 दिन
  • आंगनबाड़ी सेविका सहायिका तथा पर्यवेक्षक की ट्रेनिंग अवधि –
  • आंगनवाड़ी सेविका – 3 माह
  • आंगनवाड़ी सहायिका – 2 माह
  • आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक – 3 माह

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आंगनवाड़ी में लगने के लिए क्या क्या करना पड़ता है –

अगर आप आंगनवाड़ी में लगना चाहती हैं तो सबसे पहले आपको इसके लिए ऑनलाइन फार्म होते हैं भरना पड़ेगा। फॉर्म अप्लाई करने के बाद विभाग के द्वारा आपकी मेधा सूची तैयार की जाएगी और मेधा सूची में आपका नाम आने के उपरांत आपको गृह जनपद के आपके गांव में आंगनबाड़ी की नौकरी दे दी जाएगी।

आंगनवाड़ी में कितनी पढ़ाई चाहिए –

अक्सर यह प्रश्न पूछा जाता है कि आंगनबाड़ी में नौकरी करने के लिए आंगनवाड़ी में कितनी पढ़ाई चाहिए तो आपको बता दें कि आंगनबाड़ी सेविका के लिए आपको हाईस्कूल तथा सहायिका की नौकरी करने के लिए आपको आठवी कक्षा उत्तीर्ण होनी चाहिए।


आंगनबाड़ी की सबसे बड़ी पोस्ट कौन सी है –

महिला बाल विकास विभाग में जिला स्तर पर सबसे बड़ा पद जिला कार्यक्रम अधिकारी का होता है लेकिन उनकी नियुक्ति पीसीएस के थ्रू होती है । अगर हम बात करें कि आंगनबाड़ी स्तर से तो आंगनवाड़ी में सबसे बड़ा पद आंगनवाड़ी मुख्य पर्यवेक्षक का होता है जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की निगरानी करती हैं।

आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक का क्या काम होता है –

प्रत्येक जिले में आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक को 15 से 25 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की निगरानी करनी पड़ती है विभाग का जो भी काम होगा उसको आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जानकारी देगी और फिर आंगनबाड़ी सेविकाएं उस कार्य को ग्राम स्तर से करके ऊपर विभाग को संप्रेषित करती हैं।

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