मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम के सुहागपुर में नौकरी से बर्खास्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पक्ष में हाई कोर्ट का बड़ा फैसला आया है।आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पक्ष में बड़ा फैसला देते हुए हाईकोर्ट ने कहा की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पूर्ण रूप से सरकारी कर्मचारी नहीं, अतः उनके ऊपर शासकीय सेवा के आचरण नियम लागू नहीं होते हैं।
शासन के परिपत्र में भी कहीं पर भी इस बात का उल्लेख नहीं है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं चुनाव प्रचार में भाग नहीं ले सकती। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि 7 दिन के भीतर आंगनबाड़ी कार्यकर्ती की सेवा बहाल की जाए।
क्या था पूरा मामला?
मामला नर्मदापुरम जिले के सोहागपुर निवासी आंगनबाड़ी कार्यकर्ती सुमित्रा अहिरवार का है जिनके पक्ष में अधिवक्ता उमाशंकर तिवारी ने अपना पक्ष रखा।
याचिकाकर्ता सुमित्रा अहिरवार पर आरोप था कि उन्होंने 2 साल पहले अपनी बहन के स्थानीय परिषदीय चुनाव में चुनाव प्रचार किया था ।इसके बाद महिला बाल विकास विभाग के प्रोजेक्ट ऑफिसर ने 11 जुलाई 2022 को आंगनबाड़ी कार्यकर्ती सुमित्रा अहिरवार की सेवा समाप्त करने की आदेश दे दिए थे। इसके बाद इसकी अपील कलेक्टर व संभागायुक्त के समक्ष की गई, लेकिन उन्होंने भी अपील निरस्त करते हुए सेवा समाप्ति के आदेश को यथावत रखा।
अधिवक्ता उमाशंकर तिवारी ने दलील दी कि ऑगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए कोई सेवा के आचरण नियम नहीं हैं,उन्हें केवल मानदेय मिलता है। उन्होंने कहा कि यह सेवा समाप्त का आदेश सही नहीं है,केवल प्रतिशोध और राजनीतिक दबाव में यह कार्रवाई की गई है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पक्ष में हाई कोर्ट का बड़ा फैसला।
1 जुलाई 2024 को न्यायाधीश विवेक जयपाल की पीठ में सुनवाई हुई ,जिसमे हाइकोर्ट ने निचली अदालत के आदेशों को खारिज करते हुए और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पर सिविल सेवा आचरण संहिता 1965 लागू न होने का हवाला देते सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सुमित्रा देवी की सेवा बहाली के आदेश जारी किए गए।
हाई कोर्ट के आदेश के परिपालन में शनिवार को कार्यालय महिला बाल विकास परियोजना सोहागपुर में सुमित्रा अहिरवार ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर कार्यभार ग्रहण कर लिया।
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मध्य प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय
मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से अभी तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ₹13000 का मानदेय दिया जा रहा था ।वहीं आंगनबाड़ी सहायिकाओं को 6500 और मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 7250 का मानदेय दिया जा रहा था।
लेकिन हाल ही में हुए मानदेय वृद्धि के आदेश को लागू करने के साथ ही अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में ₹1000 और आंगनबाड़ी सहायिकाओं और मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में ₹500 की वृद्धि करते हुए उनके मानदेय में बढ़ोतरी का आदेश जुलाई महीने से ही लागू कर दिया गया है। इस मानदेय वृद्धि के आदेश को लागू होते ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ₹14000 का मानदेय वही मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 7750 का मानदेय और सहायिकाओं को ₹7000 का मानदेय मिलने लगेगा।