विशाखापत्तनम: बड़ी खबर है कि मात्र 11,500 रुपये मासिक मानदेय पर काम करने वाली एक आदिवासी महिला और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सिरिशा देवी मिरियाला अब एमएलए (विधायक)बन गई है। तो यह देश भर की आंगनवाड़ी बहनों के लिए बड़ी ख़बर है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बनी MLA
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सिरिशा देवी अपने समुदाय के सदस्यों को शिक्षा प्रदान करने के लिए एक सरकारी शिक्षक बनने की इच्छा रखती थीं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए वे सरकारी शिक्षक बनना चाहती थी लेकिन उन्होंने अप्रत्याशित रूप से राजनीति में कदम रखा और अल्लूरी सीतारमा राजू (ASR) जिले में रामपचोदावरम विधानसभा क्षेत्र (एसटी आरक्षित) सीट से जीत हासिल की और MLA बन गई।
30 वर्षीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने कभी राजनीति में शामिल होने के बारे में नहीं सोचा था, लेकिन सरकारी शिक्षक पद का सपना जरूर देखा था।
उन्हें राजनेताओं से अपमान, उत्पीड़न और अपमान का सामना करना पड़ा। चूंकि उनके पति मथम विजया भास्कर रामपचोदावरम विधानसभा क्षेत्र के युवा टीडीपी नेता हैं, इसलिए प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक समूह ने हमेशा उन्हें निशाना बनाया। लगातार उत्पीड़न के कारण उन्हें दिसंबर 2023 में आंगनवाड़ी से इस्तीफा देना पड़ा और उन्होंने अपने पति विजया भास्कर के साथ खड़े होने का फैसला किया।
मार्च 2024 में रामपचोदावरम विधानसभा क्षेत्र से टीडीपी उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सिरिशा देवी को टिकट मिला और उन्होंने मौजूदा विधायक नागुलपल्ली धनलक्ष्मी (वाईएसआरसी) को 9,139 वोटों के अंतर से हराया।
यह देश भर की आंगनवाड़ी बहनों के लिए गर्व की बात है और हम इनसे यह भी उम्मीद करते है की ये आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं के लिए भी कुछ जरूर करेंगी ।