आंगनवाड़ी के पक्ष में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला,लंबे संघर्ष के बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को मिली बड़ी जीत

Anganwadi News Today: आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए बड़ी खबर है कि हाइकोर्ट ने आंगनवाड़ी के पक्ष में एक बड़ा फैसला दिया है।

आंगनवाड़ी के पक्ष में हाईकोर्ट का फैसला

आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका वैलफेयर एसोसिएशन की जिलाध्यक्ष व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरिता शाक्य को उनकी सेवा पर बहाल कर दिया गया। हाईकोर्ट के निर्देश पर सोमवार को जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा उन्हें सेवा बहाल होने का पत्र सौंपा गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर सेवा बहाल होने के बाद सरिता शाक्य ने हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत किया। कहा कि सच्चाई, ईमानदारी और संघर्ष के रास्ते में कितनी भी कठिनाई, देरी हो लेकिन अंत में जीत सच्चाई की होती

क्या था पूरा मामला?

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सरिता शाक्य के ऊपर दूसरे आंगनबाड़ी संगठन द्वारा मुख्यमंत्री के विरुद्ध टिप्पणी करने का आरोप लगाकर शिकायत की गई थी।

आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप में आंगनबाड़ी कार्यकत्री को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।पुलिस ने कार्यकत्री के विरुद्ध आईटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था और जेल भेज दिया था । 

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को हाई कोर्ट से मिली जीत 

तो भले ही पुलिस ने तत्काल प्रभाव से आंगनवाड़ी कार्यकत्री सरिता शाक्य को हिरासत में लेते हुए मुकदमे दर्ज कर लिए हो लेकिन ओ कहते है न की अंत में जीत सच्चाई की होती है ।तो इस मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ और हाई कोर्ट ने आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका वैलफेयर एसोसिएशन की जिलाध्यक्ष व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरिता शाक्य को उनकी सेवा पर बहाल कर दिया गया। हाईकोर्ट के निर्देश पर सोमवार को जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा उन्हें सेवा बहाल होने का पत्र सौंपा गया। 

क्या बोले सहयोगी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता

 प्रदेश महासचिव शशिबाला ने कहा कि हाईकोर्ट का यह फैसला संगठन की जीत के साथ साथ बहनों की एकता शक्ति का परिणाम है। महासचिव ने कहा कि सरिता पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें फंसाया गया था परंतु अब सबकुछ साफ हो चुका है।

आंगनवाड़ी के पक्ष में हाईकोर्ट का यह फैसला भी जानें

आंगनबाडी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं को मिलेगी ग्रेच्युटी

 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक अहम फैसला सुनाया है। उच्च न्यायालय ने केंद्र व राज्य सरकार को प्रदेश की सभी अर्ह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को चार माह में ग्रेच्युटी भगतान का आदेश दिया है।

हाईकोर्ट ने क्या कहा?

हाईकोर्ट ने कहा किआंगनबाड़ी कार्यकर्ता को भी ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को भी ग्रेच्युटी भुगतान किया जाए।

क्या था पूरा मामला ?

बहराइच की रहने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कोकिला शर्मा की ओर से अगस्त 2023 में दायर एक याचिका में अन्य प्रदेशों की तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाए जाने समेत ग्रेच्युटी का भी लाभ दिए जाने के निर्देश देने का आग्रह किया गया था। साथ ही यह भी गुजारिश की गई थी कि मानदेय निर्धारित न्यूनतम पारिश्रमिक से कम नहीं होना चाहिए। मामले की सुनाई न्यायमूर्ति मनीष माथर कर रहे थे।

प्रदेश भर में 1 लाख 89 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और 1 लाख 66 हजार सहायिकाएं होंगी लाभान्वित

सरकारी वकील की दलील का जबाब देते हए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ब्रजेश कमार तिवारी ने उच्च न्यायालय को बताया कि सप्रीम कोर्ट ने पहले ही मनी बेन मगनभाई भारया के मामले में गुजरात सरकार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को ग्रेच्युटी भगतान का लाभ देने का आदेश दिया है। ऐसे में यह लाभ प्रदेश में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को दिया जा सकता है। बता दें कि प्रदेश भर की लगभग 1 लाख 89 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और 1 लाख 66 हजार साहायिका  उच्च न्यायालय के इस फैसले से लाभान्वित होंगी।

प्रदेश सरकार पर कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने का है आरोप

बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश को 4 माह में लागू करने का आदेश था किंतु अभी भी लागू नहीं होने पर नाराज आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार पर कोर्ट के आदेश की अवमानना करने का आरोप लगाते हुए फिर से एक याचिका डाली थी ।

इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से कारण पूछते हुए कहा है कि आपके ऊपर क्यों न कोर्ट के आदेश की अवमानना करने का आरोप सही माना जाए और आपके खिलाफ क्यों न कार्यवाही की जाए।

अधिकारियों को लगाई है फटकार,होगी कार्यवाही 

 हाईकोर्ट ने 26 जुलाई की सुनवाई में केंद्र और राज्य के अधिकायियों से जवाब तलब किया है । जवाब संतोषजनक न पाए जाने पर अधिकारियों पर कायवाही होगी ।

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