महिला बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा सहायिकाओं के प्रमोशन को लेकर अलग-अलग पद निर्धारित की गई है।इसमें आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रमोशन देकर सुपरवाइजर बनाया जाता है वहीं पर आंगनबाड़ी सहायिकाओं को प्रमोट करके सेविका का दर्जा दिया जाता है। इस लेख में आपको आंगनवाड़ी प्रमोशन प्रक्रिया की पूरी जानकारी दी गई है।
आंगनवाड़ी सेविकाओं का प्रमोशन कैसे होता है-
आंगनवाड़ी भले ही एक केंद्र प्रायोजित योजना है लेकिन आंगनबाड़ी भर्ती आंगनवाड़ी प्रमोशन और आंगनबाड़ी रिटायरमेंट यह सारी प्रक्रियाएं राज्य सरकारों के द्वारा पूर्ण कराई जाती।
अलग-अलग राज्यों में आंगनबाड़ी सेविकाओं के प्रमोशन को लेकर अलग-अलग प्रतिशत पदों को आरक्षित किया गया है ।आंगनवाड़ी सुपरवाइजर के लिए जितने भी पद खाली होते हैं उनमें से कुछ प्रतिशत पदों पर आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रमोशन देकर उन्हें सुपरवाइजर बनाया जाता है।
आंगनवाड़ी प्रमोशन के लिए निर्धारित योग्यताएं-
आंगनबाड़ी सेविकाओं को उनकी शैक्षणिक योग्यता और कार्य अनुभव में वरीयता के आधार पर प्रमोशन दिया जाता है।
चुकी एक ही पद पर प्रमोशन के लिए कई सेविकाएं अपनी योग्यता प्रस्तावित करती हैं उसके लिए आवेदन करती हैं ।
अतः उन सभी में से जो सर्वाधिक शैक्षणिक योग्यता रखती हैं और कार्य अनुभव रखती हैं उसे ही प्रमोशन देकर सुपरवाइजर पद पर नियुक्त किया जाता है।
आंगनवाड़ी प्रमोशन की प्रक्रिया थोड़ी सी जटिल होने के कारण इनमें कई बार घोटाले की भी खबरें आती रहती हैं।
आंगनवाड़ी प्रमोशन घोटाले को लेकर कई बार आंगनबाड़ी सेविकाओं के द्वारा भी आरोप लगाया गया है ।
आंगनबाड़ी सहायिकाओं का प्रमोशन-
आंगनबाड़ी सेविकाओं की तरह ही आंगनबाड़ी सहायिकाओं के प्रमोशन की प्रक्रिया भी थोड़ी जटिल है इसे पूरी तरह से समझना थोड़ा मुश्किल है फिर भी इन में कुछ योग्यताएं निर्धारित की गई है सेविकाओं की तरह ही सहायिकाओं को भी शैक्षणिक योग्यता और कार्य अनुभव के आधार पर प्रमोशन दिया जाता है।
इसमें एक योग्यता और होती है वह यह है कि जिस कार्य क्षेत्र में जिस पद पर जिस कैटेगरी का पद खाली होता है उसी केटेगरी की सहायिका का ही प्रमोशन होता है। इसके अलावा कार्य अनुभव और शैक्षिक योग्यता तो होना ही चाहिए।
आंगनबाड़ी सेविकाओं के खाली पड़े पदों में से कुछ प्रतिशत आरक्षित पद होते हैं उन्हें प्रमोशन के जरिए ही भरा जाता हैऔर इस पदों के लिए आंगनबाड़ी सहायिकाओं के द्वारा अपनी दावेदारी प्रस्तुत की जाती है।
उदाहरण के लिए अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश में कुल 23000 आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन लिए गए थे । मान लीजिए की 23000 पदों में से 12000 सेविकाओं के पद रहे होंगे तो 12000 पदों में से अगर 50% पद आरक्षित रहे हो तो लगभग 6000 पदों को सहायिकाओं के प्रमोशन के जरिए भरा जाएगा।
तो सबसे पहले सहायिकाओं को प्रमोशन देकर उन्हें सेविका के रूप में नियुक्त किया गया जाएगा उसके बाद जिन सहायिकाओं का प्रमोशन हो गया तो वहां पर सहायिकाओं के पद भी खाली हो गए होंगे तो इस आधार पर अब 11 000 पहले से सहायिकाओं के पद प्लस 6 000 खाली हुए पद अर्थात कुल 17000 सहायिकाओं और 6000 सेविकाओं के लिए ही आवेदन लेकर भरती की जाएगी।
आंगनबाड़ी सेविका सहायिका प्रमोशन के लाभ-
हर कर्मचारी अपने से उच्च पद के लिए प्रमोशन चाहता है चाहे वह किसी भी विभाग में कार्य करता हो चाहे सरकारी हो या फिर प्राइवेट।
क्योंकि प्रमोशन से कुछ न कुछ लाभ भी आवश्यक होता है तो अगर बात करें सेविकाओं के प्रमोशन से उन्हें क्या लाभ मिलता है तो सर्वप्रथम आंगनबाड़ी सेविकाओं के प्रमोशन के बाद उनको सुपरवाइजर पद पर नियुक्त कर दिया जाता है।
क्योंकि आप सभी को पता है की आंगनवाड़ी सेविका एक मानदेय भोगी कर्मचारी होती हैं लेकिन जब वह प्रमोशन पाकर सुपरवाइजर बन जाती हैं तो वह फुल टाइम वर्कर या संविदा कर्मचारी बन जाती हैं जिससे उनका वेतन भी बढ़ जाता है और अन्य सुविधाओं का भी लाभ मिलता है साथ ही उनके अधिकार क्षेत्र में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिलती है।
इस प्रकार से सहायिकाओं को भी जब प्रमोशन मिल जाता है तो उनके मानदेय में बढ़ोत्तरी हो जाती है उनको सेविका के रूप में नियुक्त किया जाता है अब उनको सेविका के बराबर का मानदेय दिया जाता है साथ ही साथ उनके कार्य क्षेत्र में भी बदलाव हो जाता है।
पहले जहां वे सहायिका के रूप में कार्य करती थी भोजन बनाने का कार्य करती थी अब वहीं पर सेविका के रूप में नियुक्त हो जाने के बाद अब वह बच्चों को पढ़ाने का कार्य करेंगे तथा अन्य रजिस्टर मेंटेन करना, पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन पर कार्य,अन्य प्रकार की कार्यों को करेंगे तो जहां एक तरफ उनकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है तो इस प्रकार से उनके मानदेय में भी वृद्धि देखने को मिल जाती है।
अन्य कर्मचारियों की तरह भी आंगनबाड़ी बहनों को भी अपने प्रमोशन का इंतजार रहता है प्रमोशन की प्रक्रिया काफी जटिल होने के कारण इसमें काफी अपारदर्शिता देखने को मिलती है । हाल ही में उत्तर प्रदेश में सभी सेविकाओं और सहायिकाओं के प्रमोशन में भी काफी ज्यादा शिकायते देखने को मिली है जिसे लेकर आंगनबाड़ी बहनें कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा चुकी है।