नीमच मध्य प्रदेश: गुरुवार को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट कार्यालय के परिसर के बाहर एकत्रित हुई जहां उन्होंने इसबार मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर आंगनबाड़ी और सहायिकाओं ने 16 सूत्री मांगों हेतु कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन।
परिसर के बाहर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन के बैनर तले आंगनवाड़ी बहनें अपनी विभिन्न मांगों के लिए एकत्रित हुई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांग है कि संपर्क एप को बंद किया जाए।
पोषण ट्रैकर एप के होने के बावजूद भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से संपर्क एप पर काम करने के लिए कहा जा रहा है जिसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं विरोध कर रही हैं।
पोषण ट्रैक्टर केंद्र सरकार का ऐप है और इसमें सभी प्रकार के काम होते हैं जैसे सर्वे का काम, लाभार्थियों की डाटा फीडिंग का कार्य आदि पोषण ट्रैक्टर पर पहले से ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा किए जा रहे हैं ।
अब विभाग के द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से संपर्क ऐप पर काम करने के लिए कहा जा रहा है जिसके लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मना कर रही है क्योंकि वही कार्य दोबारा किसी दूसरे ऐप पर करना बहुत ज्यादा जटिल होगा और इसके साथ-साथ समय की बर्बादी भी होगी।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने डिप्टी कलेक्टर किरण सिंह अंजना को दिए गए ज्ञापन में अपनी 16 सूत्री मांगे रखी हैं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की 16 सूत्री मांगों में से कुछ प्रमुख मांगे इस प्रकार हैं –
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकारी स्कूलों में जो 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को प्रवेश दिया जा रहा है जिसका सरकारी आदेश भी जारी कर दिया गया है उसे पर रोक लगनी चाहिए
इसके साथ ही सहायिका से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर पदोन्नति में उम्र का प्रावधान समाप्त होना चाहिए ।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अप्रैल 2024 से लागू मानदेय वृद्धि लागू करने एवं तत्काल एरियल का भुगतान करने सहित 16 सूत्री मांगो का ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर को सौपा गया।
तो इस तरह से मध्य प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा संपर्क एप पर काम करने के लिए भर्षक विरोध किया जा रहा है ।