नई शिक्षा नीति 2020 के तहत बहुत ही जल्द आंगनबाड़ी केंद्रों में शुरू होंगी प्री प्राइमरी कक्षाएं, इसके लिए 22 जुलाई का डेट निर्धारित की गई है।
महिला बाल विकास मंत्री ने बताया कि राज्य के आंगनबाड़ी केंद्रों में 22 जुलाई से प्री प्राइमरी की कक्षाएं अर्थात LKG और UKG की कक्षाएं शुरू कर दी जाएगी।इसके लिए तैयारियाँ लगभग समाप्ति की ओर है।
आंगनबाड़ी केंद्रों में शुरू होंगी प्री प्राइमरी कक्षाएं
महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी हेब्बलकर ने बताया कि जहां प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू होंगी विभाग उन आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए ‘सरकारी मोंटेसरी’ नाम पर विचार कर रहा है।आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्री-प्राइमरी कक्षाओं के क्रियान्वन पर चर्चा के दौरान माननीय मंत्री ने कहा कि विभाग स्वयं बच्चों के लिए यूनिफॉर्म,किताबें और बैग वितरित करेगा।
मंत्री जी ने यह भी बताया कि “पहले चरण में, सरकारी मोंटेसरी 15,000- 20,000 केंद्रों में शुरू होगी। विभाग का लक्ष्य आंगनवाड़ी केंद्रों को उन्नत बनाना है। मंत्री जी ने कहा कि हमारे द्वारा पहले ही आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन दिया जाता है और आंगनवाड़ी केंद्रों में काम करने वाली महिलाओं (कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं)को साड़ियाँ प्रदान की हैं।
यह बात भले ही अलग है कि ना ही आंगनवाड़ी केंद्रों में गुणवत्तापूर्ण भोजन बच्चों को मिल पता है और ना ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं को मिलने वाली साड़ियाँ ही गुणवत्ता पूर्ण है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने किया था विरोध
आपको बता दें कि इसी साल के जून महीने में ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया था कि सरकारी विद्यालयों में प्री प्राइमरी की कक्षाएँ चलायी जायेंगी ।सरकार ने एक नया निर्णय लेते हुए कहा था कि सरकारी स्कूलों में ही प्री प्राइमरी की कक्षाएं संचालित की जाएगी जिसका जून महीने में पुरजोर तरीके से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा विरोध किया गया था।
उनका कहना था कि इससे आंगनवाड़ियों का भला नहीं होगा। इसके बाद सरकार बैक फुट पर आते हुए अपने फ़ैसले को बदलने का निर्णय लिया,मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने तब इन महिलाओं को आश्वासन दिया था कि 2,786 स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू करने की मंजूरी दी जा चुकी है जिसपर रोक नहीं लगाई जा सकती किन्तु इस पहल का विस्तार आगे नहीं किया जाएगा।
आंगनवाड़ी केंद्रों में एक से अधिक भाषाओं में होगी पढ़ाई
नयी शिक्षा नीति 2020 का मूल उद्देश्य क्षेत्रिय भाषाओं में भी शिक्षा प्रदान करना है इसी वजह से एचआर राज्य के हिसाब से वहाँ की क्षेत्रीय भाषा में भी शिक्षा देने का प्रावधान किया गया है। मंत्री सुश्री हेब्बलकर ने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों में अंग्रेजी और कन्नड़ दोनों में प्री-प्राइमरी शिक्षा प्रदान की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि स्कूलों की तरह बच्चों को ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) उसी तरह जारी किए जाएंगे।
आंगनवाड़ी मानदेय वृद्धि और बीमा पर चर्चा
इस चर्चा के दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय वृद्धि पर भी चर्चा हुई। सुश्री हेब्बालकर ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया कि उन्हें बीमा प्रदान करने के संबंध में जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं को बताया कि बीमा प्रदान करने तथा मानदेय राशि बढ़ाने के संबंध में मुख्यमंत्री से चर्चा की जाएगी। अर्थात जल्द ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री जी के साथ चर्चा की जा सकती है।
क्या है प्री प्राइमरी क्लासेज़
प्री प्राइमरी स्टेज – भारत में प्री प्राइमरी शिक्षा 3-6 वर्ष की आयु के बच्चों को किंडरगार्टन, प्लेवे या प्ले स्कूलों द्वारा प्रदान की जाती है। इन स्कूलों में विभिन्न स्तरों की कक्षाओं के लिए अलग-अलग शब्दावली होती है, जो प्री-नर्सरी, नर्सरी, केजी, एलकेजी (लोअर किंडरगार्टन) और यूकेजी (अपर किंडरगार्टन) से शुरू होती है।इन्ही कक्षाओं को नयी शिक्षा नीति 2020 के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों में चलाने की कवायत कई राज्यों में शुरू हो चुकी है।कई राज्यों में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है।